नागपुर में हिंसा: कैसे फैली अफवाह और बिगड़े हालात?
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को तनावपूर्ण माहौल बन गया जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। लेकिन इस दौरान एक अफवाह तेजी से फैल गई कि मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाया गया है। इस खबर के फैलते ही हालात बिगड़ गए और देखते ही देखते दो गुटों के बीच झड़प शुरू हो गई।
हिंसा कैसे भड़की और किन इलाकों में ज्यादा असर हुआ?
प्रदर्शन के कुछ ही देर बाद कोतवाली, गणेशपेठ और महल इलाके में तनाव फैल गया।
सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके:
✅ चिटनिस पार्क
✅ शुक्रवारी तालाब रोड
✅ महल
✅ गणेशपेठ
यहां दंगाइयों ने चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया और कई घरों पर भी पथराव किया गया। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
बजरंग दल के प्रदर्शन से हालात क्यों बिगड़े?
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, बजरंग दल ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। इस दौरान औरंगजेब का पुतला जलाया गया, लेकिन सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैल गई कि कुरान को जलाया गया है।
➡️ इस अफवाह ने मुस्लिम समुदाय में आक्रोश भर दिया और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।
➡️ पुलिस थाने में पवित्र ग्रंथ जलाने की शिकायत दर्ज कराई गई।
➡️ तनाव बढ़ने पर शहर में पुलिस की गश्त तेज कर दी गई और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।
पुलिस पर हमला और कड़े सुरक्षा इंतजाम
स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव करना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस को हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
➡️ बजरंग दल के नेताओं का बयान: उन्होंने कुरान जलाने के आरोपों को खारिज किया और कहा कि उन्होंने सिर्फ औरंगजेब का पुतला जलाया था।
फिलहाल, नागपुर पुलिस ने इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं ताकि स्थिति को काबू में रखा जा सके।
क्या सीखने की जरूरत है?
नागपुर की यह घटना एक बड़ा सबक देती है कि अफवाहें कैसे माहौल बिगाड़ सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि लोग संयम बनाए रखें और किसी भी भ्रामक खबर पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें।




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